Mindset Book Summary

Mindset Book Summary in Hindi  | अपने माइंडसेट को कैसे बेहतर बनाये?

“सोच ही जीवन की दिशा तय करती है”

क्या आपने कभी सोचा है कि क्यों कुछ लोग मुश्किलों में भी आगे बढ़ते हैं, जबकि कुछ लोग छोटी सी असफलता से टूट जाते हैं?
क्यों कोई इंसान लगातार सीखता है, जबकि दूसरा कहता है – “मैं ऐसा ही हूं”?

इसका जवाब छिपा है – हमारे माइंडसेटमें।

प्रसिद्ध मनोवैज्ञानिक Carol Dweck ने अपनी किताब Mindset: The New Psychology of Success में बताया है कि हमारे सोचने का तरीका ही हमारी सफलता, रिश्ते, आत्मविश्वास और भविष्य तय करता है।

लेखक बताती हैं कि हमारे जीवन की दिशा केवल हमारी प्रतिभा या बुद्धिमत्ता से तय नहीं होती, बल्कि इस बात से तय होती है कि हम अपने गुणों के बारे में क्या मानते हैं।

वर्षों के शोध से उन्होंने पाया कि लोग आमतौर पर दो तरह की मानसिकता रखते हैं: 

सीमित मानसिकता (Fixed Mindset) और विकास मानसिकता (Growth Mindset)

दो मानसिकताएँ

लेखक ने एक बार बच्चों को आसान और कठिन पहेलियाँ हल करने के लिए दीं। Fixed Mindset वाले बच्चे आसान पहेली पर अटक गए ताकि वे गलती न करें और ‘होशियार’ दिखें। Growth Mindset वाले बच्चों ने कठिन पहेलियाँ चुनते हुए कहा — “मुझे चुनौती पसंद है!”

लेखक बताती हैं कि Fixed Mindset वाले लोग मानते हैं कि उनकी बुद्धि, प्रतिभा और क्षमताएँ जन्म से तय हैं।
Growth Mindset वाले मानते हैं कि मेहनत, अभ्यास और सीखने से क्षमताएँ विकसित होती हैं।

लेखिका अलग-अलग छेत्रों का उद्हारण देते हुए समझाना चाहतीं हैं की सीमित(Fixed) एवं विकासशील(Growth) मानसिकता कैसे हमारे अंदर घर कर जाती हैं और कैसे हम जान सकते हैं की हमे कहाँ-कहाँ सुधार  लाना चाहिए।

👉 Read Book Summary -> 12 Rules For Life Book Summary

आखिर ये Mindset क्या है?

Mindset

Mindset यानी हमारा सोचने का तरीका।
जैसे हम किसी समस्या, चुनौती या फेलियर को कैसे देखते हैं – यही तय करता है कि हम आगे बढ़ेंगे या रुक जाएंगे। कैरोल एस. ड्वेक कहती हैं कि इंसान दो तरह की सोच में रहता है:

फिक्स्ड माइंडसेट (सीमित सोच) वाले लोग गलतियों से डरते हैं और खुद को “स्मार्ट या स्टुपिड” के टैग में बाँध लेते हैं और सीखना बंद कर देते हैं।”मैं जैसा हूँ, वैसा ही रहूंगा। मेरी बुद्धि, मेरी क्षमताएं बदली नहीं जा सकती।”

लक्षण:

  • आलोचना से डर
  • गलती होने पर पीछे हटना
  • सफल लोगों से जलन
  • हमेशा परफेक्ट दिखने की कोशिश

नतीजा: कम सीखना, जल्दी हार मानना, डर के कारण आगे न बढ़ना

ग्रोथ माइंडसेट (विकासशील सोच) वाले लोग हर अनुभव को सीखने का ज़रिया मानते हैं — वो हमेशा “अभी नहीं आता” को “जल्दी आ जाएगा” में बदलते हैं। “मैं सीख सकता हूँ, मेहनत कर सकता हूँ और बेहतर बन सकता हूँ।”

लक्षण:

  • कठिनाइयों को अवसर मानना
  • गलतियों से सीखना
  • दूसरों की सफलता से प्रेरणा लेना
  • सीखने की भूख

नतीजा: आत्मविश्वास, लचीलापन और जीवन में आगे बढ़ने की शक्ति

👉 Read Book Summary -> 1% formula Book Summary

आप असफलता को कैसे देखते हैं?

लेखक एक 10 साल के लड़के का ज़िक्र करती हैं, जिसने मुश्किल पज़ल पाकर उत्साहित होकर कहा — “ये तो मज़ेदार है, मैं सीखूँगा।”  यह सोच ही Growth Mindset की पहचान है।

  • Fixed Mindset में असफलता का मतलब होता है — “मैं नाकाम हूँ”.
  • Growth Mindset में असफलता का मतलब होता है — “मुझे सीखने का नया मौका मिला”

मेहनत और प्रयास का नजरिया

लेखक बताती हैं कि कई महान लोग, जैसे दार्शनिक, खिलाड़ी और कलाकार, शुरू में साधारण थे लेकिन सतत प्रयास से असाधारण बने — जैसे बेन होगन, जिन्हें बचपन में गोल्फ खेलने लायक नहीं समझा जाता था, लेकिन कड़ी मेहनत से वे महान गोल्फर बने।

  • Fixed Mindset वाले सोचते हैं — “अगर मैं सच में टैलेंटेड हूँ, तो मुझे मेहनत की ज़रूरत नहीं”
  • Growth Mindset वाले मानते हैं — “मेहनत ही मुझे टैलेंटेड बनाती है”

चुनौतियों और जोखिम का महत्व

प्रसिद्ध अभिनेत्री गेरान पेज को करियर के शुरुआती दौर में कहा गया कि उनमें अभिनय की प्रतिभा नहीं है। उन्होंने इसे चुनौती के रूप में लिया और अभ्यास करते हुए अपनी पहचान बनाई।

  • Growth Mindset वाले लोग चुनौतियों का स्वागत करते हैं। वे जानते हैं कि चुनौती ही उन्हें बढ़ाती है।
  • Fixed Mindset वाले आसान रास्ता चुनते हैं ताकि हार का सामना न करना पड़े।

स्कूल और शिक्षा में मानसिकता

हांगकांग विश्वविद्यालय में, कुछ छात्रों को अंग्रेज़ी में दिक्कत थी। Growth Mindset वाले तुरंत सुधार का कोर्स ज्वाइन कर लेते हैं। Fixed Mindset वाले इसे टालते हैं, ताकि उनकी कमजोरी सामने न आए, भले ही इससे उनका करियर प्रभावित हो।

  • Growth Mindset वाले छात्र कठिन विषयों में भी प्रयास जारी रखते हैं।
  • Fixed Mindset वाले छात्र कठिनाई आते ही रुचि खो देते हैं।

रिश्तों में मानसिकता

एक महिला बताती है कि उसका पति Fixed Mindset वाला था — वह हर असहमति को अपनी आलोचना मानता था, जबकि वह सिर्फ़ बातचीत कर रिश्ते को बेहतर बनाना चाहती थी। 

  • Fixed Mindset वाले रिश्तों में आलोचना को अपमान मानते हैं और फीडबैक से बचते हैं।
  • Growth Mindset वाले रिश्तों में सुधार और संवाद को महत्व देते हैं।

नेतृत्व और व्यवसाय में मानसिकता

IBM के CEO लू गेरस्टनर ने कंपनी को बचाने के लिए ऐसे बदलाव किए जो शुरुआत में अलोकप्रिय थे, लेकिन लंबे समय में कंपनी को फिर से सफल बना दिया।

  • Fixed Mindset वाले नेता चापलूसों से घिरे रहते हैं, आलोचना से बचते हैं, और केवल शॉर्ट-टर्म सफलता पर ध्यान देते हैं।
  • Growth Mindset वाले नेता कठिन लेकिन आवश्यक बदलावों के लिए तैयार रहते हैं।

 खेल और प्रदर्शन

मिया हैम, मशहूर फ़ुटबॉल खिलाड़ी, हमेशा अपने से बेहतर खिलाड़ियों के साथ खेलना पसंद करती थीं ताकि वह खुद को बेहतर बना सकें।

  • Growth Mindset वाले खिलाड़ी हार से सीखते हैं और लगातार अभ्यास करते हैं।
  • Fixed Mindset वाले खिलाड़ी हारते ही हतोत्साहित हो जाते हैं।

असंभव को संभव बनाना

अभिनेता क्रिस्टोफ़र रीव की गर्दन टूटने के बाद डॉक्टरों ने कहा कि वह कभी हिल नहीं पाएँगे। लेकिन उन्होंने कठिन रिहैब और अभ्यास से फिर से अपने शरीर में हलचल लाकर मेडिकल साइंस को चौंका दिया।

Growth Mindset कभी-कभी चमत्कार कर देता है।

👉 Read Book Summary -> The Power of Focus Book Summary

मानसिकता कैसे बदलें?

Mindset - मानसिकता कैसे बदलें?

लेखक बताती हैं कि मानसिकता बदली जा सकती है:

  • अपनी सोच पहचानें — कब आप चुनौतियों से भागते हैं या आलोचना को नकारते हैं।
  • चुनौतियों को अपनाएँ।
  • असफलता को सबक मानें।
  • मेहनत को ताकत समझें।
  • फीडबैक से सीखें।

लेखक का संदेश स्पष्ट है:

“आपकी क्षमताएँ जन्म से तय नहीं, बल्कि आपके प्रयास, नजरिया और सीखने की इच्छा उन्हें आकार देती हैं।”

Growth Mindset अपनाकर आप असफलताओं को सीढ़ी में बदल सकते हैं, चुनौतियों को अवसर में, और अपने जीवन को निरंतर विकास की ओर ले जा सकते हैं।

इस विचार को हम एक आसान और प्रेरणादायक कहानी के ज़रिए समझेंगे।

सीमा और संभावना – सोच(माइंडसेट) का फर्क

एक छोटे से कस्बे में दो जुड़वां बहनें रहती थीं – सीमा और संभावना।
दोनों एक जैसे माहौल में पली-बढ़ीं, एक ही स्कूल जाती थीं, लेकिन उनकी सोच एकदम अलग थी।

सीमा की सोच: “मैं जैसी हूं, वैसी ही रहूंगी”

सीमा सोचती थी कि जो चीज़ नहीं आती, वो कभी नहीं आएगी। जैसे की मुझे गणित कभी समझ नहीं आएगा।अगर मैं किसी काम में फेल हो जाऊं, तो लोग क्या कहेंगे? मुझे बेवकूफ समझेंगे।
वो हर काम में परफेक्ट दिखने की कोशिश करती थी, लेकिन अंदर से डरती थी कि कहीं कोई उसकी कमज़ोरी न पकड़ ले। उसे तारीफ तभी अच्छी लगती थी जब कोई कहे, “तुम बहुत होशियार हो”।

संभावना की सोच: “मैं जो चाहूं, सीख सकती हूं”

संभावना ने अपने पापा से एक बार सुना था: “गिरना बुरा नहीं, ना उठना बुरा है। जो गिरकर सीखे, वही असली बहादुर होता है।”वह हर गलती को सीखने का मौका मानती थी। जैसे की “अभी नहीं आता, लेकिन सीख लूंगी। गलतियाँ मेरी दुश्मन नहीं, मेरी टीचर हैं। मैं मेहनत करूँगी और हर दिन थोड़ा-थोड़ा बेहतर बनूँगी।
उसने खुद को बदल सकने वाला इंसान मान लिया था।

एक दिन स्कूल में मुश्किल मैथ का टेस्ट हुआ। सीमा ने पेपर देखा और घबरा गई – ये मुझसे नहीं होगा। उसने कुछ सवाल छोड़ दिए और मन ही मन मान लिया कि वो इस विषय में फेल हो जाएगी।

वहीँ दूसरी ओर संभावना को भी कई सवाल समझ नहीं आये , लेकिन उसने हार नहीं मानी। जो आता है, वो पहले कर लिया। जो नहीं आया उसकी कोशिश करी। उसने पूरे समय का उपयोग किया, गलती होने के बावजूद प्रयास जारी रखा।

रिज़ल्ट क्या आया – दोनों के नंबर समान थे। सीमा दुखी हो गई – मैं कभी मैथ्स नहीं सीख पाऊंगी। वहीँ संभावना खुश थी – अब मुझे पता चल गया कि कहाँ सुधार करना है!

समय बीता… सोच ने नतीजे बदल दिए

कॉलेज के दिनों में सीमा ने कठिन विषयों से दूरी बना ली, सिर्फ वही चुना जो आसान लगे। वहीँ संभावना ने वही विषय चुने जिनमें सीखने को ज़्यादा मिले, भले ही वो कठिन हों।

धीरे-धीरे, सीमा ने खुद को सीमित कर लिया, और संभावना ने खुद को लगातार बेहतर बनाया। दोनों बहनो में फर्क क्या था , माइंडसेट का – उनकी सोच अलग थी। 

जीवन के हर क्षेत्र में माइंडसेट का असर

शिक्षा में:

  • छात्र अगर ग्रोथ माइंडसेट अपनाएं, तो वो नंबर से ज़्यादा सीखने पर ध्यान देते हैं।
  • फेल होने के बाद हारते नहीं, बल्कि पूछते हैं – “मैं कहां सुधार कर सकता हूँ?”

करियर में:

  • ग्रोथ माइंडसेट वाले लोग रिस्क लेते हैं, नई स्किल्स सीखते हैं और लीडर बनते हैं।
  • जबकि फिक्स्ड माइंडसेट वाले लोग एक ही भूमिका में अटके रहते हैं।

रिश्तों में:

  • ग्रोथ माइंडसेट से रिश्तों में ईमानदारी, समझदारी और माफ करने की ताकत आती है।
  • वहीँ फिक्स्ड माइंडसेट वाले लोगों को माफ़ नहीं कर पाते। 

ग्रोथ माइंडसेट कैसे अपनाएं?

Mindset - ग्रोथ माइंडसेट कैसे अपनाएं?

नकारात्मक सोच को पकड़ें और पलटें 

  • “मैं नहीं कर सकता” को बदलिए “मैं सीख सकता हूँ”
  • हर बार जब आपका मन कहे, “मुझसे नहीं होगा”, तो तुरंत कहिए –”अभी नहीं आता… लेकिन मैं सीख सकता हूँ।”

सीखना बंद मत करो

  • हर दिन कुछ नया सीखिए – चाहे वो कोई किताब हो, YouTube वीडियो, या किसी से बातचीत।
  • हर दिन 1% बेहतर बनो, साल भर में 37 गुना बेहतर बनोगे।

असफलता को टीचर मानो, फेलियर  को अंत नहीं

  • गलतियों को सीखने का ज़रिया मानें
  • गलतियां होंगी – लेकिन उससे डरो मत। हर गलती कहती है: कुछ नया सीखो।
  • Fail = First Attempt In Learning

माइंडफुलनेस और जर्नलिंग अपनाओ

  • रोज़ रात को 5 मिनट लिखिए: आज मैंने क्या सीखा?
  •  क्या मैं विकासशील सोच अपना पाया/पाई?
  •  इससे आपका ध्यान अपनी प्रगति पर रहेगा, तुलना पर नहीं।

अपने आसपास पॉज़िटिव सोच वाले लोगों का साथ रखो

  • फिक्स्ड माइंडसेट (स्थिर सोच) वालों से दूरी बनाओ
  • ग्रोथ माइंडसेट (विकासशील सोच) वाले दोस्त, मेंटर्स और किताबों से खुद को जोड़ो

सोच बदलो, जीवन बदलेगा

सीमा और संभावना की कहानी हर इंसान के अंदर चल रही जंग है —सीमा जैसी सोच हमें रोकती है, संभावना जैसी सोच हमें उड़ने देती है। आप जैसा सोचते हैं, वैसा ही बनते हैं

अगर आप सोचते हैं “मैं बदल नहीं सकता”, तो वही होगा। लेकिन अगर आप सोचते हैं “मैं सीख सकता हूँ”, तो आप दुनिया भी बदल सकते हैं।तो अगली बार जब कोई चुनौती आए,
उससे भागने की बजाय पूछिए – “मैं इससे क्या सीख सकता हूं?”

माइंडसेट कोई बटन नहीं जिसे ऑन-ऑफ कर दें। ये धीरे-धीरे, रोज़ थोड़ा-थोड़ा अभ्यास से बदलता है। आपका दिमाग भी एक मांसपेशी जैसा है – जितना ज़्यादा इस्तेमाल करोगे, उतना मज़बूत होगा।

अब फैसला आपके हाथ में है – Fixed Mindset या Growth Mindset?

ये किताब पूरी पढ़ने क लिए आप amazon से खरीद सकते हैं। 

अगर आपको ये कहानी प्रेरणादायक लगी हो, तो दूसरों के साथ शेयर करें और InspireTone.com पर ऐसे और भी जीवन बदलने वाले विचार पढ़ते रहें।

Similar Posts

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *